भारतीय ज्योतिष के अनुसार जिनकी जन्म कुंडली में सूर्य का दोष हों उसे माणिक या उसका उपरत्न पहनना चाहिए ।

भारतीय ज्योतिष अनुसार मेष, सिंह, वृश्चिक और धनु राशियों के जातक माणिक का रत्न पहन सकते हैं।

किसी व्यक्ति को नेत्र रोग है, कोईभी आँखों की समस्या है तो ऐसे लोग भी माणिक पहन सकते हैं।

कुंडली में अगर सूर्य ग्रह निर्बल है और उसकी वजह से जीवन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है तो माणिक निश्चित ही आपके सूर्य को मजबूत बनाता है, जिससे व्यक्ति के जीवन की दिक्कतों से छुटकारा मिलता है।

जन्म कुंडली के अनुसार देखें तो पंचम भाव, नवम भाव, दशम भाव और एकादश भाव में सूर्य की स्थिति होने पर माणिक्य रत्न को धारण किया जा सकता है ।

मीन, मकर और कन्या राशि वालों को माणिक पहनने से बचना चाहिए। जिस जातक की कुंडली में सूर्य ग्रह नीच स्थिति में हो, चौथे, सातवें या दसवें भाव में हो ऐसे जातकों को भी माणिक नहीं धारण करना चाहिए।

गोमेद, लहसुनिया और नीलम के साथ माणिक नहीं पहनना चाहिए ।

माणिक के शुभ प्रभाव से व्यवसाय में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और आपका व्यवसाय और आपका समग्र जीवन सूर्य की तरह प्रभावशाली बन जाता है।

ऐसा भी माना जाता है की यह रत्न पहनने वाले को किसी भी दुर्घटना से बचाता है और सूर्यदेव उस इंसान की सुरक्षा करते हैं ।

माणिक अगर आपको सूट नहीं करता है तो आपको रक्त विकार की परेशानी हो सकती है। रक्त संबंधी अन्य समस्याएं जैसे की उच्च रक्तचाप ( हाई ब्लड प्रेशर ) , हीमग्लोबिन की कमी और साँस संबंधी समस्याएं भी हो सकती है। आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा को हानी पहुँच सकती है । हृदय संबंधी समस्या भी हो सकती है। त्वचा फिक्की पड़ जाए या निस्तेज दिखने लगे , आप समय से पहले वृद्ध दिखने लगें यह भी हो सकता है।